कानपुरवासियों का दो साल का इंतजार खत्म हो गया और सुबह छह बजते ही मेट्रो के गेट सफर के लिए खुल गए। छह बजते ही मेट्रो स्टेशनों पर यात्रियों का पहुंचना शुरू हुआ और सबसे पहली ट्रेन में सफर करके यादगर पल को अपने कैमरे में कैद किया। मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सफर करने के बाद बुधवार से मेट्रो ट्रेन जनता की सेवा के लिए समर्पित हो गई।
कानपुर मेट्रो के दो कॉरीडोर में आइआइटी से मोतीझील तक प्राथमिक काॅरीडोर में नौ स्टेशन शुरू हो गए हैं। इन स्टेशनों के बीच तीन कोच वाली मेट्रो ट्रेन की शुरुआत हुई है। आइए, नौ स्टेशन वाले प्राथमिक कॉरीडोर की मेट्रो की कुछ खास बातें…।
प्राथमिक कॉरीडोर : मेट्रो का प्राथमिक कॉरीडोर आइआइटी से मोतीझील तक बनाया गया है, इसके बीच में नौ स्टेशन हैं। इसमें आइआइटी, कल्याणपुर, एसपीएम, विश्वविद्यालय, गुरुदेव, गीतानगर, रावतपुर, एलएलआर और मोतीझील स्टेशन हैं। इनके बीच की दूरी नौ किमी है और यात्रियों को हर पांच मिनट में एक ट्रेन मिलेगी। फिलहाल चार मेट्रो ट्रेनों का संचालन होगा और दो ट्रेनें रिजर्व में डिपो में खड़ी रहेंगी।
गेट पर होगी तलाशी और टिकट सुविधा : मेट्रो ने कनपुरियों की पान मसाला खाने की आदत छुड़ाने पर ध्यान दिया है, सभी स्टेशन के गेट पर यात्रियों की तलाशी के बाद प्रवेश दिया जाएगा। इसके बाद यात्री टिकट खरीद कर प्लेटफार्म तक जा सकेंगे।
क्यूआर कोड पर्ची में टिकट : मेट्रो के हर स्टेशन पर क्यूआर कोड वाली पर्ची वाला टिकट दिया जाएगा। ध्यान रखने वाली बात यह है कि इसे मोड़ना नहीं है वरना एंट्री प्वाइंट पर पर्ची स्कैन न होने पर यात्रा से वंचित रह सकते हैं।
सबसे कम किराया दस रुपये : मेट्रो ने न्यूनतम किराया दस रुपये और अधिकतम तीस रुपये रखा है। पहली मंजिल पर टिकट लेने के बाद यात्री दूसरी मंजिल पर बने प्लेटफार्म पर जा सकेंगे।
हर मंजिल पर सुरक्षा गार्ड : स्टेशन की हर मंजिल पर सुरक्षा गार्ड तैनात किए गए हैं, जो असुविधा होने पर यात्री की मदद भी करेंगे।
लगेज स्कैनर भी लगाया : मेट्रो स्टेशन के गेट पर मेन स्कैनर के अलावा लगेज स्कैनर भी लगाया गया है। इसमें बैग आदि रखने के बाद स्कैन होने पर दूसरे छोर पर प्राप्त कर सकेंगे। इस प्रक्रिया के बाद ही प्लेटफार्म तक पहुंच सकते हैं।
स्टेशन आने से पहले मिलेगी सूचना : मेट्रो ट्रेन के अंदर ऑटोमेटिक वायस एड्रेसिंग सिस्टम काम करेगा, जो स्टेशन आने से पहले यात्रियों को उसकी सूचना उपलब्ध कराएगा।
कोच के गेट का कंट्रोल चालक के पास : मेट्रो ट्रेन के कोच के गेट का कमांड चालक दल के हाथ में होगा। स्टेशन आने पर गेट ऑटोमेटिक न खुलकर चालक के कंट्रोल से खुलेंगे और बंद होंगे।
कोच में होगा पैनिक बटन : हर कोच में पैनिक बटन होगा, जो खासकर महिलाओं की मदद के लिए होगा। किसी अप्रिय स्थिति में उसका इस्तेमाल किया जा सकेगा। इससे सूचना चालक के पास पहुंच जाएगी।