कानपुर में धूमधाम से मनाई गई दिवाली

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दीपदान और आतिशबाजी के मनोरम दृश्य के बीच मां लक्ष्मी और प्रथम पूज्य गणपति महाराज का पूजन वंदन कर शहरवासियों ने प्रेम और सौहार्द का पर्व दीपोत्सव उल्लासपूर्वक मनाया। हस्त नक्षत्र और शिवयोग में घर-घर दीपावली पूजन किया गया।

भक्तों ने सुख-समृद्धि और संपन्नता के महापर्व दीपोत्सव में एक-दूसरे को बधाई दी। पूजन के बाद झिलमिलाती रंग-बिरंगी लाइट और आतिशबाजी से वसुंधरा से लेकर आसमां तक रोशन हो उठा। ऐसा प्रतीत हो रहा था कि मानो असंख्य तारे भगवान श्रीराम, माता सीता, महालक्ष्मी मां और रिद्धि-सिद्धि के दाता गणपति महाराज के स्वागत को धरा पर आ गए हो। घर-घर पूजन के बाद बड़ी संख्या में शहरवासियों ने गंगा तट पर जाकर दीपदान किया और मां गंगा से समृद्धि की प्रार्थना की।

सोमवार को दीपोत्सव पर सुबह से ही घर-घर पूजन अर्चन की तैयारी शुरू कर दी गई। संध्याकाल में पूजन मुहूर्त की शुरुआत होते ही घर से आंगन तक को दीपों से सजाया गया। माता लक्ष्मी और गणपति महाराज के साथ घर-घर कुबेर महाराज का विधिवत पूजन अर्चन किया गया।

पूजन के बाद दीपोत्सव पर पटाखों की गूंज वातावरण में गूंजती रही। बच्चों ने तरह-तरह के पटाखे जलाकर खुशी मनाई तो महिलाओं ने एक-दूसरे को मिष्ठान खिलाकर दीपोत्सव की शुभकामनाएं दी। आसमान पर जाकर रंग-बिरंगी रोशनी करने वाले पटाखों से आसमान सतरंगी हो गया। देर रात तक शहर में दीपोत्सव का जश्न धूमधाम से मनाया गया।

दीपदान से रोशन हुए गंगा तट

दीपोत्सव के अवसर पर शहर के प्रमुख गंगा तटों पर दीपदान किया गया। बिठूर के मनु घाट, ब्रह्मावर्त, घाट, लक्ष्मण घाट, पत्थर घाट, रानी लक्ष्मी बाई घाट तथा सीता घाट पर बड़ी संख्या में शहरवासियों ने दीप जलाएं। वहीं, शहर के सरसैया घाट, परमट घाट, मैस्कर घाट, जाजमऊ के सिद्धनाथ घाट दीपों की रोशनी से जगमग हुए।

मध्यरात्रि हुआ महाकाली का पूजन, रंगोलियों से सजे मंदिर

दीपोत्सव पर मंदिरों में मां के स्वागत के लिए मनोहारी रंगोलियां बनाई गई। बाबा आनंदेश्वर मंदिर (परमट), चकेरी काली मंदिर, कैलाश मंदिर शिवाला, श्री पंचमुखी हनुमान मंदिर, दुर्गा मंदिर गोविंद नगर, वनखंडेश्वर मंदिर और इस्कान मंदिर में दीपोत्सव का पर्व धूमधाम से मनाया गया।

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