इनकम टैक्स रिटर्न भरने वालों की संख्या में भारी उछाल, पिछले साल के मुकाबले 71% ज्यादा लोगों ने भरा रिटर्न

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आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक 31 अगस्त 2018 तक 5.42 करोड़ लोगों ने इनकम टैक्स रिटर्न भरा है, जबकि पिछले साल 31 अगस्त 2017 तक 3.17 करोड़ लोगों ने ही इनकम टैक्स रिटर्न भरा था.

नई दिल्लीः इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने वालों की संख्या में पिछले साल की तुलना में बढ़ोतरी हुई है. इस साल इनकम टैक्स रिटर्न भरने वालों की संख्या 71 फीसदी बढ़ी है. आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक 31 अगस्त 2018 तक 5.42 करोड़ लोगों ने इनकम टैक्स रिटर्न भरा है, जबकि पिछले साल 31 अगस्त 2017 तक 3.17 करोड़ लोगों ने ही इनकम टैक्स रिटर्न भरा था.

इस साल सीबीडीटी (सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेज) ने इनकम टैक्स रिटर्न भरने की आखिरी तारीख 31 जुलाई से बढ़कर 31 अगस्त तक कर दी थी यानी टैक्सपेयर्स को रिटर्न फाइल करने के लिए पूरे एक महीने का अतिरिक्त समय दिया गया था. सैलरीड क्लास के साथ वो कारोबारी या प्रोफेशनल्स जिन्हें ऑडिट कराने की जरूरत नहीं है उनके लिए आईटीआर फाइल करने की आखिरी तारीख 31 अगस्त 2018 तय की गई थी. पिछले साल 1 जुलाई से जीएसटी लागू करने के चलते भी इनकम टैक्स भरने के लिए कारोबारियों को और ज्यादा समय की जरूरत थी लिहाजा इसी को ध्यान में रखते हुए 31 अगस्त तक रिटर्न फाइल करने की सुविधा दी गई.

दरअसल इस साल से सरकार ने समय से इनकम टैक्स रिटर्न फाइल न करने वालों के लिए पेनल्टी का प्रावधान कर दिया है जिसके चलते आयकर रिटर्न फाइल करने वालों की संख्या में जोरदार उछाल देखा गया है. पहले सरकार वित्त वर्ष के आखिर यानी मार्च तक इनकम टैक्स रिटर्न फइल करने की सुविधा देती थी.

क्या है पेनल्टी का प्रावधान

    • अगर आपकी सालाना आय 5 लाख रुपये से कम है और आप 31 जुलाई के बाद आयकर रिटर्न भरते हैं तो आपको 1 हजार रुपये की अधिकतम पेनल्टी देनी होगी.
    • 5 लाख रुपये से ज्यादा आय वाले लोगों को 31 जुलाई के बाद इनकम टैक्स रिटर्न भरने पर 5000 रुपये की पेनल्टी देनी होगी.
    • 5 लाख रुपये से ज्यादा आय वाले लोग अगर 31 जुलाई से लेकर 31 दिसंबर 2018 तक अपना इनकम टैक्स रिटर्न भरेंगे तो 5000 रुपये पेनल्टी देनी होगी.
    • इसके अलावा अगर 5 लाख से ज्यादा आय वाले अगर 31 दिसंबर 2018 के बाद बाद अपना इनकम टैक्स रिटर्न भरेंगे तो उन्हें 10,000 रुपये तक की पेनल्टी देनी होगी.

वित्त मंत्री अरुण जेटली भी कई बार आंकड़ा दे चुके हैं कि देश में इनकम टैक्स देने वालों की संख्या में नोटबंदी और जीएसटी के बाद इजाफा हुआ है. आधिकारिक आंकड़े बताते हैं कि टैक्स बेस में बड़ा इजाफा हुआ है और इससे सरकारी खजाने की हालत मजबूत होने की उम्मीद है.

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