RBI ने बैंकों से पूछा- SWIFT की खामियां अब तक क्यों नहीं हुईं दूर?

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नीरव मोदी और मेहुल चौकसी ने बैंकिंग सिस्टम की जिन खामियों का फायदा उठाकर पंजाब नैशनल बैंक में हजारों करोड़ रुपये के घोटाले को अंजाम दिया, उन्हें अब तक दूर नहीं किया गया है। रिजर्व बैंक ने इस पर नाराजगी जाहिर करते हुए कई बैंकों के प्रमुखों को लेटर लिखकर पूछा है कि SWIFT की खामियों को अब तक दुरुस्त क्यों नहीं किया गया है? बता दें, ग्लोबल फाइनैंशल मेसेजिंग सर्विस का फायदा उठाकर अरबपति जूलर्स ने पीएनबी में अब तक का सबसे बड़ा घोटाला किया था।

SWIFT एक इंटरनेशनल पेमेंट मेसेजिंग सिस्टम है। इसका इस्तेमाल रोजाना करोड़ों डॉलर ट्रांसफर करने के लिए किया जाता है।

जनवरी 2018 में पीएनबी घोटाला सामने आने के बाद केंद्रीय बैंक ने सभी बैंकों के सीईओ को एक गोपनीय अडवाइजरी जारी कर सिस्टम में सुधार करने का निर्देश दिया था, लेकिन कुछ बैंकों ने अभी तक सुधारों को लागू नहीं किया है। अब केंद्रीय बैंक ने उनसे सफाई मांगी है।

पीएनबी में नीरव मोदी और मेहुल चौकसी सालों तक घोटाले को अंजाम देते रहे, क्योंकि SWIFT सिस्टम कोर बैंकिंग सिस्टम से नहीं जुड़ा था। कुछ अधिकारियों ने अवैध लेटर ऑफ अंडरटेकिंग जारी करने के लिए SWIFT नेटर्वक का इस्तेमाल किया।

इस मामले की जानकारी रखने वाले दो बैंकर्स ने बताया कि अगस्त अंत में लिखे ‘कारण बताओ लेटर’ में RBI ने करीब 25 बैंकों में खामी की बात कही है।

इस मामले से जुड़े एक व्यक्ति ने कहा, ‘बैंकों में एक हद तक मानसिक विक्षेप है। मैं मानता हूं कि बैंकों को बड़े मूल्य के ट्रांजैक्शन के लिए टु स्टेप वेरिफिकेशन को लागू करने को कहा गया है। कुछ नियमों से बैंक का काम कुछ धीमा हो सकता है, लेकिन यह एक घोटाले के बाद आपको इसकी कीमत चुकानी होगी।’

RBI ने इस साल फरवरी में कहा था कि उसने अगस्त 2016 के बाद से बैंकों को स्विफ्ट व्यवस्था के संभावित दुरुपयोग को लेकर तीन बार आगाह किया था।

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