राष्ट्रीय कवि रामधारी सिंह दिनकर की जयंती .पर राष्ट्रीय कवि चौपाल शाखा दौसा के तत्वावधान में बजरंग मैदान में 21वीं काव्य गोष्ठी का आयोजन जगदीश प्रसाद गुप्ता की अध्यक्षता में किया गया। काव्य गोष्ठी में *हरियाणा से पधारे कवि आर्य पवन पागल का “राष्ट्रीय कवि चौपाल सम्मान” और “स्वर्ण पदक” से सम्मानित* किया गया। काव्य गोष्ठी का शुभारंभ युवा साहित्यकार *बुद्धि प्रकाश महावर”मन”* ने सरस्वती वंदना के साथ किया। *संयोजक कवि कृष्ण कुमार सैनी”राज”* ने *मेरी कुंदन कलम चलेगी राणा के सम्मान* में……। *जगदीश प्रसाद गुप्ता* ने ‘यह बफर सिस्टम है या हम डफर हैं’…..। *रामेश्वर प्रसाद’करूण’* ने ‘पापा जी के त्याग का बखान नहीं किया जाए’….। हरियाणा से पधारे *पवन कुमार पागल* ने “मुर्दे का देखो कफ़न बिक न जाये, कहीं इनके हाथों वतन बिक न जाये”….। *मूलचंद पांचाल* ने “धन के खातिर नारी पर हत्याचार करो ना”….। *राजेन्द्र यादव* ने “पत्थरों की पोज करें दे इंसानों को गाली”…।। *गजलकारा रानू गोठवाल* ने “है मुमताज तुम्हारे दर के”….। *धर्मेन्द्र कुमार धर्मी* ने “मन में रहती कल्पना सरिता की कल-कल”…।। *मीनाक्षी पारीक* ने “गणपति जी आपको प्रणाम है”…। *बुध्दिप्रकाश”मन”* ने “भृष्टाचार का लग गया ऐसा रोग”…। *संचालन कर रहे वरिष्ठ कवि शिवचरण भंडाना* ने “नहीं रही जब सत्ता हाथों में”…। काव्य गोष्ठि के बाद वरिष्ठ साहित्यकार विष्णु खरे के निधन पर 2 मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजलि अर्पित की। और अगले माह 21ऑक्टूबर को एक शाम शहीदों के नाम कवि सम्मेलन आयोजित करने का निर्णय संस्था द्वारा लिया गया।