प्रजातंत्र का स्तंभ समूह के तत्वाधान में आयोजित हुआ राष्ट्रीय कवि सम्मेलन

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22 अक्टूबर l प्रजातंत्र का स्तंभ समूह के संयुक्त तत्वावधान में देवनगरी दौसा में आयोजित *राष्ट्रीय कवि सम्मेलन-एक शाम सैनिकों के नाम* का आयोजन होटल रावत पैलेस में किया गया। कवि सम्मेलन के मुख्य अतिथि पूर्व चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर महेश शर्मा एवं अध्यक्षता कैलाश चंद सैनी जिला अध्यक्ष सैनी समाज ने की। विशिष्ट अतिथि  मनोहरलाल गुप्ता(समाजसेवी), श्री रमेश चंद सैनी(निदेशक अपेक्स महाविद्यालय), श्री रामनाथ राजोरिया (समाजसेवी), डॉ डीपी शर्मा,डॉ ओपी बंसल, रेनू कटारिया(जिला अध्यक्ष महिला कांग्रेस), डॉ रतिराम आचार्य(मंत्री आर्य समाज) उपस्थित थे। कवि सम्मेलन का शुभारंभ अतिथियों द्वारा मां शारदे के सम्मुख द्वीप प्रज्वलित व माल्यार्पण कर किया गया। देश के सैनिकों के सम्मान में आयोजित इस *राष्ट्रीय कवि सम्मेलन में दौसा जिले के खवारावजी ग्राम के वीर शहीद घनश्याम गुर्जर की मां एवं उनके बड़े भाई को संस्था द्वारा तिरंगा दुपट्टा, गोल्ड मेडल एवं स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित* किया गया। कवि सम्मेलन में कवियों ने *मतदान जागरूकता, देशभक्ति, सामाजिक मुद्दों सहित हास्य रचनाएं* पढ़कर खूब तालियां बटोरी। कवि अब्दुल अय्यूब गौरी ने “लाश उठाने की खातिर कंधे मजबूत बना लेना” रचना सुनाकर देश भक्ति का माहौल पैदा किया। राष्ट्रीय कवि चौपाल के राष्ट्रीय अध्यक्ष कासिम बीकानेरी ने “भगत सिंह हो कि बिस्मिल हो, कि हो अशफाक सा गाजी, लुटाई है वतन पर सबने अपनी जान लिख देना”…..। इंदौर से पधारे राजू चौरसिया ने “दर्द की शहनाइयों में आंसुओं की धार हो,जिंदगी छोटी है इसको मुस्कुराकर काटिये……। प्रजातन्त्र का स्तम्भ समूह की संपादिका कवियत्री मीनाक्षी पारीक जयपुर ने “मोहब्बत के हजारों फूल हर दिल में खिले होते,अगर हम आदमी से आदमी मिलकर मिले होते…..। संयोजक एवं राष्ट्रीय कवि चौपाल दौसा के अध्यक्ष कृष्ण कुमार सैनी”राज” ने “जिसका इस पावन माटी से सात जन्म का नाता है। जिसकी कार्यकुशलता से खुश होती भारत माता है। तेरा रक्षक, मेरा रक्षक, सबका रक्षक सैनिक है, भारत मां कहती सैनिक भारत का भाग्य विधाता है”….। हास्य व्यंग्यकार शरद जायसवाल,मध्य प्रदेश ने “चटपटी जुबान आंख नमकीन है”…..। मुकेश मारवाड़ी झुंझुनू ने “तिरंगा ओढ़कर सदा के लिए सो जाऊंगा”…….। कुमार अनिल जज्बाती ने “बेटियों के सम्मान में अपनी रचना मां,बहन,बेटी का रूप होती है बेटियां”…..सुना कर बेटी बचाओ का संदेश दिया। बिहार से पधारे युवा शायर साजिद इकबाल ने “किसी के हिस्से में आंसू किसी के हिस्से में सिसकियां आई,खुदा का शुक्र है मेरे हिस्से में खाली कुर्सीयां आई”….रचना सुनाई तो श्रोताओं ने इनको वंस मोर-वंस मोर के साथ दुबारा काव्य पाठ करने का मौका दिया। गजलकारा रानू गोठवाल ने “अगर जिंदा है अपनी हस्ती जिंदा रख,अपने दिल में वतन परस्ती जिंदा रख”….गजल सुनाकर इंसानियत की शिक्षा दी। हास्य पैरोडीकार पवन शर्मा”अनुराग” ने “समझ सको तो नेताओं को समझो वॉटर जानी,इनके अंदर कूट-कूट कर भरी हुई बेईमानी”…। सलमान सिकंदराबादी ने कुत्ता समझकर दूध जलेबी खिला गई….। विजय राही शर्मा ने “हमारे खेत की मिट्टी है साहब,हमेशा पांवों से रहती है लिपटी”…। दिनेश प्रजापति ने “तरस नहीं करते सेना पर तुम पत्थर बरसाते हो”….। महावीर प्रसाद शर्मा, श्यामलाल जी ग्रामीण आदि ने भी अपनी रचनाएं प्रस्तुत की। सभी कवियों को आयोजन समिति द्वारा स्मृति चिन्ह,सम्मान पत्र भेंट कर सम्मानित किया गया। कवि सम्मेलन में कविता वाचन एवं गायन प्रतियोगिता के विजेताओं को भी मुख्य अतिथि महोदय द्वारा सम्मान पत्र, नगद राशि एवं स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया गया। कवि सम्मेलन में संरक्षक रविंद्र चतुर्वेदी,पुष्पेंद्र शर्मा,सलाहकार बाबूलाल शर्मा,अशोक खेड़ला,महेश आचार्य,कन्हैयालाल सैनी,अनुराग प्रेमी,आशीष शर्मा,हिमांशु चड्ढा,रामकेश दूरदर्शी,हाकम सिंह सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे। प्रजातंत्र का स्तंभ समूह के प्रधान संपादक अनिल गुप्ता साहब ने सभी का आभार प्रकट किया। सम्मेलन का संचालन वरिष्ठ कवि गोकुल जाटव एवं स्थानीय साहित्यकार शिवचरण l

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