प्रसपा – कानपुर नगर (ग्रामीण) : “छोटे लोहिया” स्व० जनेश्वर मिश्र की मनाई गई 86वीं जयंती

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कानपुर 5 अगस्त 2

प्रसपा – कानपुर नगर (ग्रामीण) के तत्वाधान में जिला कार्यालय 1 ऐ, बरसाइतपुर, जीटी रोड, कानपुर में “लोहिया के लोग गोष्ठी” के साथ मनायी गयी “छोटे लोहिया” स्व० जनेश्वर मिश्र 86वीं जयंती । सभी प्रसपा पदाधिकारियों ने
उनको याद करते हुए पुष्प अर्पित कर माल्यार्पण किया ।

इस कार्यक्रम की अध्यक्षता जिला अध्यक्ष शिव मोहन सिंह चंदेल नें की व संचालन जिला महासचिव मीडिया प्रभारी / प्रवक्ता सचिन वोहरा ने किया ।

जिलाध्यक्ष शिव मोहन सिंह ने विस्तृत रूप से पण्डित जनेश्वर मिश्र के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि जिनका जन्म 5 अगस्त 1933 को बलिया में हुआ व देहावसान 22 जनवरी 2010 को हुआ ।
उनके जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि वह समाजवादी विचारधारा के एक राजनेता थे। समाजवादी विचारधारा के चलते और उनक दृढ निष्ठा के कारण वे ‘छोटे लोहिया’ के नाम से प्रसिद्ध थे।
वे कई बार लोकसभा और राज्यसभा के सदस्य रहे। उन्होने मोरारजी देसाई, चौधरी चरण सिंह, विश्वनाथ प्रताप सिंह, चन्द्रशेखर, एच डी देवगौड़ा और इंद्रकुमार गुज़राल के मंत्रिमण्डलों में काम किया। सात बार केन्द्रीय मंत्री रहने के बाद भी उनके पास न अपनी गाड़ी थी और न ही बंगला।
बलिया के शुभनथहीं गांव में किसान पिता रंजीत मिश्र नें प्राथमिक शिक्षा पूरी करने के बाद इलाहाबाद भेज दिया, जो उनका कार्यक्षेत्र रहा। आजाद भारत के विकास की राह में समाजवादी सपनों को बढ़ने में की गई मेहनत के चलते उन्हें लोग ‘छोटे लोहिया’ के तौर पर जानने लगे।

इलाहाबाद विश्वविद्यालय के हिन्दू हास्टल में रहकर पढ़े । छात्र राजनीति से जुड़े कर छात्रों के मुद्दे पर उन्होंने आंदोलन किये ।

1967 में उनका राजनैतिक सफर जेल से शुरू हुआ । छुन्नन गुरू व सालिगराम जायसवाल ने उन्हें फूलपुर से विजयलक्ष्मी पंडित के खिलाफ चुनाव लड़ाया, वे पहला चुनाव हारे ।
विजय लक्ष्मी पंडित के राजदूत बनने से फूलपुर सीट खाली होने पर 1969 में उपचुनाव हुआ, स्व० जनेश्वर मिश्र जी सोशलिस्ट पार्टी से जीते। इलाहाबाद में उनको लोग व राजनारायण नें ‘छोटे लोहिया’ का नाम दिया।

1972 के चुनाव में कमला बहुगुणा और 1974 में इंदिरा गांधी के अधिवक्ता सतीश चंद्र खरे को चुनाव हराया। 1978 मे जनता पार्टी से इलाहाबाद संसदीय क्षेत्र से चुनाव मैदान में उतरे और विश्वनाथ प्रताप सिंह को पराजित किया।
वह पहली बार केन्द्रीय पेट्रोलियम, रसायन एवं उर्वरक मंत्री बने।
इसके बाद ही वह अस्वस्थ हो गये। स्वस्थ होने के बाद उन्हें विद्युत, परंपरागत ऊर्जा और खनन मंत्रालय दिया गया।
चौ० चरण सिंह की सरकार में जहाजरानी व परिवहन मंत्री बने। 1984 में देवरिया के सलेमपुर संसदीय क्षेत्र से चंद्रशेखर से चुनाव हार गये।
1989 में जनता दल के टिकट पर इलाहाबाद से लडे़ और कमला बहुगुणा को हराया व संचार मंत्री बनाये गए । चंद्रशेखर जी की सरकार में 1991 में रेलमंत्री और एचडी देवगौड़ा की सरकार में जल संसाधन तथा इंद्र कुमार गुजराल की सरकार में पेट्रोलियम मंत्री बनाये गये।
1992 से 2010 तक वह राज्यसभा के सदस्य रहे ।

“लोहिया के लोग गोष्ठी” में विशेष रूप से जिला अध्यक्ष शिव मोहन सिंह चंदेल, जिला महासचिव सचिन वोहरा, जिला कोषाध्यक्ष नीरज गुप्ता, यामीन खान ,अर्जुन भदौरिया, महेंद्र सिंह तोमर , अरुण यादव, संदेश त्रिपाठी “स्वामी”, राजेश यादव, उमेश यादव, ओमजी तिवारी, अमित यादव, नीरज यादव , रमेश निषाद, विष्णु सविता, समरजीत सिंह यादव , वैभव तिवारी, शगुन प्रदीप मौर्या आदि मौजूद रहे ।

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